SHER•12/14/2024अब जो रिश्तों में बँधा हूँ तो खुला है मुझ परBy Jaun EliaLikeShareReportHindiEnglishअब जो रिश्तों में बँधा हूँ तो खुला है मुझ परकब परिंद उड़ नहीं पाते हैं परों के होते