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GHAZAL

किसी लिबास की खुशबू जब उड़ के आती है

किसी लिबास की खुशबू जब उड़ के आती है

तेरे बदन की जुदाई बहुत सताती है

तेरे गुलाब तरसते हैं तेरी खुशबू को

तेरी सफ़ेद चमेली तुझे बुलाती है

तेरे बग़ैर मुझे चैन कैसे पड़ता हैं

मेरे बगैर तुझे नींद कैसे आती है

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किसी लिबास की खुशबू जब उड़ के आती है — Jaun Elia • ShayariPage