किसी लिबास की खुशबू जब उड़ के आती है
किसी लिबास की खुशबू जब उड़ के आती है
तेरे बदन की जुदाई बहुत सताती है
तेरे गुलाब तरसते हैं तेरी खुशबू को
तेरी सफ़ेद चमेली तुझे बुलाती है
तेरे बग़ैर मुझे चैन कैसे पड़ता हैं
मेरे बगैर तुझे नींद कैसे आती है
किसी लिबास की खुशबू जब उड़ के आती है
तेरे बदन की जुदाई बहुत सताती है
तेरे गुलाब तरसते हैं तेरी खुशबू को
तेरी सफ़ेद चमेली तुझे बुलाती है
तेरे बग़ैर मुझे चैन कैसे पड़ता हैं
मेरे बगैर तुझे नींद कैसे आती है