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मायूस ज़िंदगी से तुझे दर-किनार कर

मायूस ज़िंदगी से तुझे दर-किनार कर

बैठी हुई हूँ अपने मुक़द्दर से हार कर

मैं कम-नसीब उस के दिलासे में आ गई

उस ने कहा था मुझ से मेरा इंतिज़ार कर

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मायूस ज़िंदगी से तुझे दर-किनार कर — Himanshi babra KATIB • ShayariPage