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GHAZAL

सबने दिल से उसे उतारा था

सबने दिल से उसे उतारा था

वो मरी कब थी उसको मारा था

पैरों में गिरके जीता था जिसको

उसको पाने में ख़ुदको हारा था

तेरे मेरे में बट गया सबकुछ

एक टाइम था सब हमारा था

उसकी यादों में दिल जले है अब

जिसका चेहरा नहीं गवारा था

मैंने वो खोया जो मेरा नहीं था

तुमने वो खोया जो तुम्हारा था

जीत सकता था उससे मैं कातिब

पर बड़े हौसले से हारा था

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