उस दिन हमें अलग होना था
उस दिन हमें अलग होना था
उस दिन उसके सारे आँसू
गंगा जल में बदल रहे थे
उस दिन उसके होंठ गुलाबी
नीलकमल में बदल रहे थे
उस दिन आँखों के सपने
काले बादल में बदल रहे थे
उस दिन हम दोनों के निर्णय
अंतिम पल में बदल रहे थे
उस दिन कुछ पाने की आशा
नहीं मगर सब कुछ खोना था
उस दिन हमें अलग होना था
उस दिन उसकी दो आँखों में
अनबोये बबूल उग आये
उस दिन आँखें पछतातीं थीं
क्यों सपने फिजूल उग आये
उस दिन दोनों के चेहरों पर
चारों तरफ शूल उग आये
उस दिन जहाँ गिरे थे आँसू
फौरन वहाँ फूल उग आये
उस दिन पता चला था हमको
फूल नहीं आँसू बोना था
उस दिन हमें अलग होना था
उस दिन दोनों हर दुविधा को
कर स्वीकार लिपट कर रोये
उस दिन दोनों जग से छुपकर
नदिया पार लिपट कर रोये
उस दिन हरपल खुश रहने
वाले त्योहार लिपट कर रोये
उस दिन दोनों पहले पहले
अंतिम बार लिपट कर रोये
उस दिन की यादों को सारे
जीवन दोनों को ढोना था
उस दिन हमें अलग होना था