मुझको इतने से काम पे रख लो

मुझको इतने से काम पे रख लो

जब भी सीने में झूलता लॉकेट

उल्टा हो जाये तो मैं हाथों से

सीधा करता रहूं उसको

जब भी आवेज़ा उलझे बालों में

मुस्कुरा के बस इतना-सा कह दो

'आह, चुभता है यह, अलग कर दो।'

जब ग़रारे में पांव फंस जाये

या दुपट्टा किसी किवाड़ से अटके

इक नज़र देख लो तो काफ़ी है

'प्लीज़' कह दो तो अच्छा है

लेकिन मुस्कुराने की शर्त पक्की है

मुस्कुराहट मुआवज़ा है मेरा

मुझको इतने से काम पे रख लो