NAZM•
कहीं कुछ दूर से कानों में पड़ती है उर्दू
By Gulzar
कहीं कुछ दूर से कानों में पड़ती है उर्दू
तो लगता है,
दिन जाड़ों के हैं, खिड़की खुली है, धूप अन्दर आ रही है.
कहीं कुछ दूर से कानों में पड़ती है उर्दू
तो लगता है,
दिन जाड़ों के हैं, खिड़की खुली है, धूप अन्दर आ रही है.