ग़रज़ कि काट दिए ज़िंदगी के दिन ऐ दोस्त Firaq Gorakhpuri@firaq-gorakhpuriग़रज़ कि काट दिए ज़िंदगी के दिन ऐ दोस्त वो तेरी याद में हों या तुझे भुलाने में