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बर्क़-ए-फ़ना भी खाए जहाँ ठोकरें 'फ़िराक़'

बर्क़-ए-फ़ना भी खाए जहाँ ठोकरें 'फ़िराक़'

राह-ए-वफ़ा में आते हैं ऐसे मक़ाम भी

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