Shayari Page
SHER

ये दाग़ दाग़ उजाला ये शब-गज़ीदा सहर

ये दाग़ दाग़ उजाला ये शब-गज़ीदा सहर

वो इंतिज़ार था जिस का ये वो सहर तो नहीं

Comments

Loading comments…
ये दाग़ दाग़ उजाला ये शब-गज़ीदा सहर — Faiz Ahmad Faiz • ShayariPage