SHER•5/19/2020उन्हीं के फ़ैज़ से बाज़ार-ए-अक़्ल रौशन है,By Faiz Ahmad FaizLikeShareReportHindiEnglishउन्हीं के फ़ैज़ से बाज़ार-ए-अक़्ल रौशन है, जो गाह गाह जुनूँ इख़्तियार करते रहे