उन्हीं के फ़ैज़ से बाज़ार-ए-अक़्ल रौशन है, Faiz Ahmad Faiz@faiz-ahmad-faizउन्हीं के फ़ैज़ से बाज़ार-ए-अक़्ल रौशन है, जो गाह गाह जुनूँ इख़्तियार करते रहे