Shayari Page
SHER

तू जो मिल जाए तो तक़दीर निगूँ हो जाए

तू जो मिल जाए तो तक़दीर निगूँ हो जाए

यूँ न था मैंने फ़क़त चाहा था यूँ हो जाए

Comments

Loading comments…
तू जो मिल जाए तो तक़दीर निगूँ हो जाए — Faiz Ahmad Faiz • ShayariPage