SHER•12/23/2020शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गईBy Faiz Ahmad FaizLikeShareReportHindiEnglishशाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गईदिल था कि फिर बहल गया जाँ थी कि फिर सँभल गई