नहीं निगाह में मंज़िल, तो जुस्तजू ही सहीFaiz Ahmad Faiz@faiz-ahmad-faizनहीं निगाह में मंज़िल, तो जुस्तजू ही सही नहीं विसाल मयस्सर तो आरज़ू ही सही