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हम मेहनतकश इस दुनिया से जब अपना हिस्सा मांगेंगे

हम मेहनतकश इस दुनिया से जब अपना हिस्सा मांगेंगे

इक बाग़ नहीं, इक खेत नहीं, हम सारी दुनिया मांगेगे

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हम मेहनतकश इस दुनिया से जब अपना हिस्सा मांगेंगे — Faiz Ahmad Faiz • ShayariPage