इक फ़ुरसत-ए-गुनाह मिली वो भी चार दिन Faiz Ahmad Faiz@faiz-ahmad-faizइक फ़ुरसत-ए-गुनाह मिली वो भी चार दिन देखे हैं हम ने हौसले परवरदिगार के