SHER•5/19/2020इक फ़ुरसत-ए-गुनाह मिली वो भी चार दिनBy Faiz Ahmad FaizLikeShareReportHindiEnglishइक फ़ुरसत-ए-गुनाह मिली वो भी चार दिन देखे हैं हम ने हौसले परवरदिगार के