कितना महफ़ूज़ हूँ मैं कोने में

कितना महफ़ूज़ हूँ मैं कोने में

कोई अड़चन नहीं है रोने में


मैंने उसको बचा लिया वरना

डूब जाता मुझे डुबोने में