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GHAZAL

ये जो बाहर ख़ुदा से डर रहे हैं

ये जो बाहर ख़ुदा से डर रहे हैं

बहुत कुछ दिल के अन्दर कर रहे हैं

अभी देखा है कुछ टीवी में शायद

मिरे बच्चे मुझी से डर रहे हैं

इरादा है मिरा घर बेचने का

पड़ोसी ख़ूब ख़ातिर कर रहे हैं

यहाँ पर कोई दरिया-दिल नहीं है

सब अपने घर का पानी भर रहे हैं

तिरी ख़ुश्बू से जो वाक़िफ़ नहीं हैं

वो फूलों से गुज़ारा कर रहे हैं

निकल आए तो फिर रोने न देंगे

हम अपने आँसुओं से डर रहे हैं

टहलते फिर रहे हैं सारे घर में

तिरी ख़ाली जगह को भर रहे हैं

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