समंदर उल्टा सीधा बोलता है

समंदर उल्टा सीधा बोलता है

सलीक़े से तो प्यासा बोलता है


यहाँ तो उसका पैसा बोलता है

वहाँ देखेंगे वो क्या बोलता है


तुम्हारे साथ उड़ाने बोलती है

हमारे साथ पिंजरा बोलता है


निगाहें करती रह जाती हैं हिज्जे

वो जब चेहरे से इमला बोलता है


मैं चुप रहता हूँ इतना बोल कर भी

तू चुप रह कर भी कितना बोलता है


मैं हर शायर में ये भी देखता हूँ

बिना माइक के वो क्या बोलता है