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GHAZAL

समंदर उल्टा सीधा बोलता है

समंदर उल्टा सीधा बोलता है

सलीक़े से तो प्यासा बोलता है

यहाँ तो उसका पैसा बोलता है

वहाँ देखेंगे वो क्या बोलता है

तुम्हारे साथ उड़ाने बोलती है

हमारे साथ पिंजरा बोलता है

निगाहें करती रह जाती हैं हिज्जे

वो जब चेहरे से इमला बोलता है

मैं चुप रहता हूँ इतना बोल कर भी

तू चुप रह कर भी कितना बोलता है

मैं हर शायर में ये भी देखता हूँ

बिना माइक के वो क्या बोलता है

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