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GHAZAL

जब रेतीले हो जाते हैं

जब रेतीले हो जाते हैं

पर्वत टीले हो जाते हैं

तोड़े जाते हैं जो शीशे

वो नोकीले हो जाते हैं

बाग़ धुएँ में रहता है तो

फल ज़हरीले हो जाते हैं

नादारी में आग़ोशों के

बंधन ढीले हो जाते हैं

फूलों को सुर्ख़ी देने में

पत्ते पीले हो जाते हैं

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