Shayari Page
GHAZAL

दिल जब ख़ाली हो जाता है

दिल जब ख़ाली हो जाता है

और भी भारी हो जाता है

जब तू साक़ी हो जाता है

इश्क़ शराबी हो जाता है

मैं जब तक कुछ तय करता हूं

सब कुछ माज़ी हो जाता है

उसके छूते ही क़िस्मत का

ताला चाभी हो जाता है

पहले तू काफ़ी होता था

अब नाकाफ़ी हो जाता है

Comments

Loading comments…