दिल जब ख़ाली हो जाता है

दिल जब ख़ाली हो जाता है

और भी भारी हो जाता है

जब तू साक़ी हो जाता है

इश्क़ शराबी हो जाता है

मैं जब तक कुछ तय करता हूं

सब कुछ माज़ी हो जाता है

उसके छूते ही क़िस्मत का

ताला चाभी हो जाता है

पहले तू काफ़ी होता था

अब नाकाफ़ी हो जाता है