SHER•1/30/2021ये मज़ा था दिल-लगी का कि बराबर आग लगतीBy Dagh DehlviLikeShareReportHindiEnglishये मज़ा था दिल-लगी का कि बराबर आग लगती न तुझे क़रार होता न मुझे क़रार होता