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जब आँखों में लगाता हूँ तो चुपके-चुपके हंस-हंसकर

जब आँखों में लगाता हूँ तो चुपके-चुपके हंस-हंसकर

तेरी तस्वीर भी कहती है, सूरत ऐसी होती है

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जब आँखों में लगाता हूँ तो चुपके-चुपके हंस-हंसकर — Dagh Dehlvi • ShayariPage