मकाँ तो है नहीं जो खींच दें दीवार इस दिल में

मकाँ तो है नहीं जो खींच दें दीवार इस दिल में

कोई दूजा नहीं रह पाएगा अब यार इस दिल में

जहाँ भर में लुटाते फिर रहे है कम नहीं होता

तुम्हारे वास्ते इतना रखा था प्यार इस दिल में