SHER•3/21/2021ख़्वाहिश है इन गुलों को दवामी बहार दूँBy Bhaskar ShuklaLikeShareReportHindiEnglishख़्वाहिश है इन गुलों को दवामी बहार दूँ जितने किये हैं इश्क़ सुख़न में उतार दूँ