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दुकानें नफ़रतों की ख़ूब आसानी से चलती हैं

दुकानें नफ़रतों की ख़ूब आसानी से चलती हैं

अजब दुनिया है जाने इश्क़ क्यों करने नहीं देती

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दुकानें नफ़रतों की ख़ूब आसानी से चलती हैं — Bhaskar Shukla • ShayariPage