SHER•1/2/2021बदन लिए तलाशता फिरू हूँ रात दिन उसेBy Bhaskar ShuklaLikeShareReportHindiEnglishबदन लिए तलाशता फिरू हूँ रात दिन उसे सुना है जान भी मेरी कहीं इसी शहर में है