तुझे भूल जाने की कोशिशें कभी कामयाब न हो सकीं

तुझे भूल जाने की कोशिशें कभी कामयाब न हो सकीं

तिरी याद शाख़-ए-गुलाब है जो हवा चली तो लचक गई