तुझे भूल जाने की कोशिशें कभी कामयाब न हो सकींBashir Badr@bashir-badrतुझे भूल जाने की कोशिशें कभी कामयाब न हो सकीं तिरी याद शाख़-ए-गुलाब है जो हवा चली तो लचक गई