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ख़ुदा की उस के गले में अजीब क़ुदरत है

ख़ुदा की उस के गले में अजीब क़ुदरत है

वो बोलता है तो इक रौशनी सी होती है

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ख़ुदा की उस के गले में अजीब क़ुदरत है — Bashir Badr • ShayariPage