इसी लिए तो यहाँ अब भी अजनबी हूँ मैं Bashir Badr@bashir-badrइसी लिए तो यहाँ अब भी अजनबी हूँ मैं तमाम लोग फ़रिश्ते हैं आदमी हूँ मैं