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चराग़ों को आंखों में महफ़ूज़ रखना

चराग़ों को आंखों में महफ़ूज़ रखना

बड़ी दूर तक रात ही रात होगी

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चराग़ों को आंखों में महफ़ूज़ रखना — Bashir Badr • ShayariPage