अगर फ़ुर्सत मिले पानी की तहरीरों को पढ़ लेना Bashir Badr@bashir-badrअगर फ़ुर्सत मिले पानी की तहरीरों को पढ़ लेना हर इक दरिया हज़ारों साल का अफ़्साना लिखता है