Shayari Page
GHAZAL

मैं कब तन्हा हुआ था याद होगा

मैं कब तन्हा हुआ था याद होगा

तुम्हारा फ़ैसला था याद होगा

बहुत से उजले उजले फूल ले कर

कोई तुम से मिला था याद होगा

बिछी थीं हर तरफ़ आँखें ही आँखें

कोई आँसू गिरा था याद होगा

उदासी और बढ़ती जा रही थी

वो चेहरा बुझ रहा था याद होगा

वो ख़त पागल हवा के आँचलों पर

किसे तुम ने लिखा था याद होगा

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