SHER•6/26/2021तुम्हारे आने की उम्मीद बर नहीं आतीBy Azhar IqbalLikeShareReportHindiEnglishतुम्हारे आने की उम्मीद बर नहीं आती मैं राख होने लगा हूँ दिए जलाते हुए