Shayari Page
SHER

माँग सिन्दूर भरी हाथ हिनाई करके

माँग सिन्दूर भरी हाथ हिनाई करके

रूप जोबन का ज़रा और निखर आएगा

जिसके होने से मेरी रात है रौशन रौशन

चाँद में आज वही अक्स नज़र आएगा

Comments

Loading comments…
माँग सिन्दूर भरी हाथ हिनाई करके — Azhar Iqbal • ShayariPage