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SHER

जब भी उसकी गली में भ्रमण होता है

जब भी उसकी गली में भ्रमण होता है

उसके द्वार पर आत्मसमर्पण होता है

किस किस से तुम दोष छुपाओगे अपने

प्रिये अपना मन भी दर्पण होता है

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