SHER•9/7/2021हर एक शख़्स यहाँ महव-ए-ख़्वाब लगता हैBy Azhar IqbalLikeShareReportHindiEnglishहर एक शख़्स यहाँ महव-ए-ख़्वाब लगता है किसी ने हम को जगाया नहीं बहुत दिन से