वो एक पक्षी जो गुंजन कर रहा है

वो एक पक्षी जो गुंजन कर रहा है

वो मुझमे प्रेम सृजन कर रहा है

बहुत दिन हो गये है तुमसे बिछड़े

तुम्हें मिलने को अब मन कर रहा है

नदी के शांत तट पर बैठकर मन

तेरी यादें विसर्जन कर रहा है