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GHAZAL

हो गया आपका आगमन नींद में

हो गया आपका आगमन नींद में

छू कर गुजरी मुझको जो पवन नींद में

मुझको फूलों की वर्षा में नहला गया

मुस्कुराता हुआ इक गगन नींद में

कैसे उद्धार होगा मेरे देश का

लोग करते है चिंतन मनन नींद में

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हो गया आपका आगमन नींद में — Azhar Iqbal • ShayariPage