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SHER

चुप रहते हैं चुप रहने दो राज़ बताओ खोले क्या

चुप रहते हैं चुप रहने दो राज़ बताओ खोले क्या

बात वफ़ा की तुम करती हो बोलो हम कुछ बोले क्या

उल्फ़त तो अफ़साना है तुम करती खूब सियासत हो

हम भी हैं मक़बूल बहुत अब बोल किसी के होलें क्या

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