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GHAZAL

लोग मुझे क्यों देख रहे हैरानी से

लोग मुझे क्यों देख रहे हैरानी से

सहरा क़ाएम रहता है वीरानी से

ज़िक्र करेंगे उसका उसे भुलाने को

मूरख पानी काट रहे हैं पानी से

एक नौकरी एक छोकरी अच्छा घर

टूट गए हम इतनी खींचातानी से

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