Shayari Page
GHAZAL

मेरे अशआर सुनाना न सुनाने देना

मेरे अशआर सुनाना न सुनाने देना

जब मैं दुनिया से चला जाऊँ तो जाने देना

साथ इनके है बहुत ख़ाक उड़ाई मैंने

इन हवाओं को मेरी ख़ाक उड़ाने देना

मत बताना कि बिखर जाएँ तो क्या होता है

नयी नस्लों को नये ख़्वाब सजाने देना

वक़्त दुनिया को सुनाएगा कहानी मेरी

कहे देता हूँ मिरा नाम न आने देना

रहूँ ख़ामोश तो ख़ामोश ही रखना मुझ को

और अगर शोर मचाऊँ तो मचाने देना

अब तो बारिश में भी स्कूल खुला करते हैं

वहाँ मत भेजना बच्चों को नहाने देना

जान लेना कि नया हाथ बुलाता है तुम्हें

गर कोई हाथ छुड़ाए तो छुड़ाने देना

हाँ वही बात जो मालूम है तुम लोगों को

मैं वही बात छुपाऊँगा छुपाने देना

मेरे जीने पे हँसे लोग कोई बात नहीं

हाँ मिरी मौत का मातम न मनाने देना

Comments

Loading comments…