दर्द-ए-दिल है न फ़लसफ़ा मेरे पास

दर्द-ए-दिल है न फ़लसफ़ा मेरे पास

दाल रोटी का मसअला मेरे पास


पास मेरे भी है तेरी ही दुआ

काश होता तेरा ख़ुदा मेरे पास


ज़र दिलाती है हमको बेवतनी

पर नहीं कोई बैठता मेरे पास


आगही आ गई तो आ ही गई

रह गया एक रब्बना मेरे पास


एक पल एक पल न रोक सका

वक़्त मेरा था कब मेरा मेरे पास


तुम परीज़ाद हो मैं आदम हूँ

ऐसे बेसुध न बैठना मेरे पास


मेरा ग़म भी है तेरे ग़म जैसा

है इसी ग़म की इंतिहा मेरे पास


दर्द जाली हैं अश्क हैं नकली

अस्ल है नींद की दवा मेरे पास


सुस्त रातों में जिसने छोड़ा था

तेज़ बारिश में आ गया मेरे पास


वाक़िया ये है तू जो आ न सका

तब से मैं भी न आ सका मेरे पास


वक़्त था वो सो वक़्त वो न रहा

न वो आमिर रहा जो था मेरे पास