यक़ीं मोहकम अमल पैहम मोहब्बत फ़ातेह-ए-आलम Allama Iqbal@allama-iqbalयक़ीं मोहकम अमल पैहम मोहब्बत फ़ातेह-ए-आलम जिहाद-ए-ज़िंदगानी में हैं ये मर्दों की शमशीरें