यक़ीं मोहकम अमल पैहम मोहब्बत फ़ातेह-ए-आलम

यक़ीं मोहकम अमल पैहम मोहब्बत फ़ातेह-ए-आलम

जिहाद-ए-ज़िंदगानी में हैं ये मर्दों की शमशीरें