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फिर उठी आख़िर सदा तौहीद की पंजाब से

फिर उठी आख़िर सदा तौहीद की पंजाब से

हिन्द को इक मर्द-ए-कामिल ने जगाया ख़्वाब से

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फिर उठी आख़िर सदा तौहीद की पंजाब से — Allama Iqbal • ShayariPage