Shayari Page
SHER

न पूछो मुझ से लज़्ज़त ख़ानमाँ-बर्बाद रहने की

न पूछो मुझ से लज़्ज़त ख़ानमाँ-बर्बाद रहने की

नशेमन सैकड़ों मैं ने बना कर फूँक डाले हैं

Comments

Loading comments…
न पूछो मुझ से लज़्ज़त ख़ानमाँ-बर्बाद रहने की — Allama Iqbal • ShayariPage