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मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना

मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना

हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा

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मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना — Allama Iqbal • ShayariPage