माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं Allama Iqbal@allama-iqbalमाना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख