ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले

ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले

ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है