है राम के वजूद पे हिन्दोस्ताँ को नाज़ Allama Iqbal@allama-iqbalहै राम के वजूद पे हिन्दोस्ताँ को नाज़ अहल-ए-नज़र समझते हैं उस को इमाम-ए-हिंद